बैतूल (हेडलाईन)/नवल-वर्मा । माँ ताप्ती शिवमहापुराण कथा के इस सात दिन के आयोजन ने बैतूल की धरती को धर्ममय कर दिया। आम लोगों में शिव महिमा सिर चढ़कर बोलती हुई नजर आई। यही कारण है कि दो बार प्राकृतिक व्यवधान के बावजूद भी लोगों के उत्साह और आस्था में जरा भी कमी नहीं आई। यही कारण रहा कि जब आयोजन अंतिम चरण में था तो जन सैलाब ऐसा उमड़ा कि एक रिकार्ड बन गया। पं. प्रदीप मिश्रा की माँ ताप्ती शिवमहापुराण की कथा सुनने के लिए बैतूल जिले से ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी लाखों की संख्या में लोग बैतूल पहुंचे।

आयोजन समिति ने अपना पूरा सामर्थ्य लगाया और जन सहयोग से इस तरह की व्यवस्थाएं की जिसकी वजह से किसी को कोई भी तकलीफ महसूस नहीं हुई। प्रशासन ने भी आयोजन को लेकर अपनी तरफ से संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। परिणाम यह है कि एक सफल आयोजन बैतूल को गौरवान्वित कर रहा है। जिसके लिए बाथरे परिवार, आयोजन समिति, बैतूल के श्रद्धालु, बैतूल के दानदाता, बैतूल में सहयोगकर्ता, बैतूल का प्रशासन, बैतूल के जनप्रतिनिधि, बैतूल का मीडिया सभी साधुवाद के पात्र है और इस आयोजन ने यह भी दिखा दिया कि इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों को लेकर बैतूल किस तरह से एकजुट हो जाता है। कुल मिलाकर यदि देखा जाए तो इस धार्मिक आयोजन ने बैतूल को शिवमय बना दिया था। शिवभक्ति को लेकर लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ है। विशेषकर महिला वर्ग में जिस तरह से माँ ताप्ती शिवमहापुराण सुनने का उत्साह था वह अभूतपूर्व था। बैतूल के इतिहास में कभी भी किसी भी धार्मिक आयोजन में इस तरह महिलाओं की सहभागिता पहले कभी नहीं देखी गई।

इस आयोजन को लेकर कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के व्यक्त्तित्व का भी एक चमत्कार है। जिसकी वजह से लाखों की संख्या में कथा सुनने के लिए श्रद्धालु और श्रोता उपस्थित हुए। अंतिम दिन जिस तरह का जनसैलाब था वह तो अपने आप में इतिहास है और इसके लिए बैतूल की जनता हमेेशा पं. प्रदीप मिश्रा, यजमान और आयोजन समिति के लिए भी आभारी रहेगी।
नवल-वर्मा-हेडलाईन-बैतूल 20 दिसम्बर 2022